जहानाबाद।
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी बिहार बदलाव यात्रा के क्रम में आज जहानाबाद के मखदुमपुर में बिहार बदलाव जनसभा करने पहुंचे। स्थानीय गांधी मैदान में जनसभा के बाद उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब दिए। प्रशांत किशोर ने इस दौरान CAG रिपोर्ट पर बिहार सरकार समेत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को भी घेरा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि कैग के अनुसार बिहार की गरीब जनता का 70 हजार करोड़ रुपया कहां खर्च हुआ, किसने लूटा, पता ही नहीं चल रहा है। सरकार चुप है। साथ ही इस 70 हजार करोड़ में 17 हजार करोड़ रुपया उस वक्त का है जब तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे। इसलिए वो भी नहीं बोल रहे हैं। राजद, जदयू और भाजपा, सब मिलकर लूट रहे हैं। हमाम में सभी नंगे हैं।
बिहार में चुनाव आयोग के SIR पर सुप्रीम कोर्ट के आए निर्देश का प्रशांत किशोर ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आधार कार्ड को मानने का निर्देश देने के बाद अब लगभग 99.99 प्रतिशत लोगों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो जाना चाहिए। इसके बाद भी अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट में आने से रह जाता है तो उनसे हमारी अपील है कि राजनीतिक दलों और समाज के लोगों की मदद लें।
प्रशांत किशोर ने इसी दौरान राजद विधायक भाई वीरेंद्र और पंचायत सचिव के बीच बातचीत के कथित वायरल ऑडियो को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाई वीरेंद्र कट्टा वाले दल के नेता हैं। जब इनकी सरकार थी तो बिहार की पहचान कट्टा बनाने वाले, अपहरण-रंगदारी वाले, जंगलराज वाले राज्य के तौर पर थी। इनसे सुधार की अपेक्षा नहीं कर सकते हैं। यह लोग गलती से भी जीतकर आ गए तो फिर वही करेंगे, जो इन्होंने पहले किया था।
इससे पहले आज प्रशांत किशोर ने जनसभा में जनता से बड़ा वादा करते हुए कहा कि इस बार अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट कीजिए। इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी। छठ के बाद जहानाबाद के युवाओं को 10-12 हजार रुपये की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। बिहार भर के ऐसे 50 लाख युवाओं को वापस बुलाकर उन्हें यहीं 10-12 हजार रुपये का रोजगार दे दिया जाएगा। साथ ही दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।
उन्होंने बड़ा ऐलान किया कि जब तक सरकारी विद्यालयों में सुधार नहीं हो जाएगा, तब तक आप अपने 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं और उनकी फीस सरकार भरेगी ताकि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके।




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