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November 17, 2025 5:41 pm

IAS Coaching

मास्टर रोल में गड़बड़ी को लेकर उप विकास आयुक्त ने पंचायत रोजगार सेवक पर की कार्रवाई

मोतिहारी।

उप विकास आयुक्त डॉ प्रदीप कुमार के द्वारा मास्टर रोल में गड़बड़ी के मामले को लेकर  आलोक कुमा, पंचायत रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत दिलावरपुर, प्रखंड कल्याणपुर पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनके तीन वार्षिक वेतन पर रोक लगा दिया है।
श्री आलोक कुमार, ग्राम पंचायत दिलावरपुर, प्रखण्ड-कल्याणपुर, जिला-पूर्वी चम्पारण के परिवाद पत्र जिसमें वर्णित शिकायत का विषय एक सामान्य प्रकृति था, की संयुक्त स्थलीय जाँच कार्यपालक अभियंता (मनरेगा) एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा), जिला ग्रामीण विकास अभिकरण पूर्वी चम्पारण, मोतिहारी से करायी गयी।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त जाँच प्रतिवेदन में वर्णित तथ्यों एवं अनुशंसा के आलोक में मनरेगा एम०आई०एस० पर मस्टर रौल संख्या-1529, 1530, 1531, 1532, 1533 एवं 1534 निर्गत करने के बावजूद इन सभी में मजदूरों की उपस्थिति को शून्य करने के मामले में पंचायत रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत राज-दिलावरपुर, प्रखण्ड-कल्याणपुर के विरूद्ध अभिकरण कार्यालय के ज्ञापांक-945 दिनांक-15.05.2025 द्वारा स्पष्टीकरण पूछते हुए जवाब तीन दिनों के अन्दर समर्पित करने संबंधी निदेश दिया गया। आलोक कुमार,पंचायत रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत दिलावरपुर, प्रखण्ड-कल्याणपुर द्वारा पूछे गये स्पष्टीकरण का जवाब प्रस्तुत किया गया जिसमें उन्होंने उल्लेखित किया है कि ग्राम पंचायत दिलावरपुर, प्रखण्ड-कल्याणपुर में पंचायत द्वारा एक योजना संचालित की जा रही थी। जिसका योजना कोड-0513007015/FP/20370635 (“दिलावरपुर में झाझा लोहिया पुल से मलंग स्थान तक झाझा किनारे बांध निर्माण कार्य”) है। योजना पर द्वितीय फेज का एम०आर० दिनांक-13.04.2025 को निर्गत किया गया था। कार्य शुरू होते ही कुछ अनजाने लोगों द्वारा कार्य स्थल पर अवरोध उत्पन्न कर दिया गया जिसके कारण कार्य तत्काल बन्द कर दिया गया और उक्त अवधि में मजदूरों द्वारा कोई काम नही किया गया जिसके चलते एम०आर० को शून्य किया गया है।
श्री आलोक कुमार द्वारा अपने स्पष्टीकरण में एम०आर० में मजदूरों की उपस्थिति को शून्य करने के संबंध में जिन तथ्यों को प्रस्तुत किया गया है, इसके संबंध में उन्होंने कोई लिखित प्रमाण/साक्ष्य अपने स्पष्टीकरण के साथ संलग्न नही किया है। यदि कार्य स्थल पर अनजाने लोगों के द्वारा अवरोधउत्पन्न किया गया था तो इसकी लिखित सूचना तत्काल अपने कार्यक्रम पदाधिकारी को देना चाहिए था किन्तु कार्यक्रम पदाधिकारी, कल्याणपुर को कोई सूचना देने का प्रमाण पत्र इनके द्वारा संलग्न नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट है कि परिवादी का आरोप प्रथम दृष्ट्या सही प्रतीत होता है। श्री ओझा के द्वारा विभागीय मनरेगा मार्गदर्शिका का उल्लंघन किया गया है और श्री कुमार दोषी दिखते है।
इस प्रकार श्री आलोक कुमार, पंचायत रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत-दिलावरपुर, प्रखण्ड-कल्याणपुर के स्पष्टीकरण स्वीकार योग्य नहीं है। अतएव इनके स्पष्टीकरण को अस्वीकृत करते हुए विभागीय पत्रांक-196 दिनांक-25.03.2022 में वर्णित कंडिका-1 के खण्ड (ii) में निहित दण्ड “बिना संचयी प्रभाव के तीन वार्षिक वृद्धियों तक रोक” का दण्ड अधिरोपित किया जाता है।
श्री कुमार को यह मौका दिया गया है कि इस दण्ड आदेश के विरूद्ध 30 दिनों के अन्दर अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपीलीय आवेदन दे सकते हैं।

Khabare Abtak
Author: Khabare Abtak

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