मोतिहारी।
खराब मौसम व बारिश के कारण रबी की फसल ससमय करना अब मुश्किल हो गया है। बिते दो दिनों से मौसम की लुकाछिपी के कारण किसान परेशान रहे। दो दिनों की हुई बारिश से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। सुगौली प्रखंड क्षेत्र के किसान अगले खेती को लेकर चिंतित है। खराब मौसम के कारण जहां धान की कटनी और दवनी प्रभावित है। तो वहीं
तेलहन व दलहन की खेती को लेकर किसान चिंता में पड़ गए है। रिमझिम बारिश के कारण अगला खेती प्रभावित होता दिख रहा है। जिनका समय पर खेतों की अब न तो जुताई होगी ना ही बुआई होगी। बारिश के कारण पककर तैयार धान की कटनी नहीं होगी। किसानों की माने तो अब बारिश बंद होने के करीब पांच दिन बाद हीं कटाई संभव होगा। जिसके बाद करीब पांच दिन के बाद खेत से धान की बोझे उठेंगे। जब खेत से नमी गायब होगा तो जुताई शुरु होगी। ऐसे में करीब पन्द्रह दिन बाद हीं जुताई संभव है। जिससे एक महीना लेट से अगले फसल की तैयारी संभव है।
अब आलू, गन्ना, तेवहन व दलहन की खेती करने का समय आ गया है। लेकिन खराब मौसम अगली खेती को.प्रभावित कर दिया है। अधिकांश लोगों के खेतों की जुताई व तैयारी नहीं हुई है। किसान अभी जुताई की तैयारी हीं कर रहे थे कि बारिश उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया। तो वहीं कुछ किसान खेत की जुताई व आलू रोपने की तैयारी कर लिए थे, लेकिन बारिश के कारण उनके खेत गिले हो गए है। जिससे आलू की खेती प्रभावित हो गया है। हालांकि कुछ किसान आलू रोप लिए है,जिन्हें आलू नहीं जमने और बर्बाद होने की चिंता सताने लगी है। प्रखंड के भटहां निवासी मनोज प्रसाद, विद्यानंद कुशवाहा ने बताया कि कुछ दिन पहले आलू की रोपाई किए थे, लेकिन यह बारिश मेहनत पर पानी फेर दिया है। शायद अब आलू की खेती नुकसान हो जाएगा। बड़ी मेहनत व आगताह खेती किए, लेकिन मौसम ने दगा दे दिया।
हरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि गन्ना व आलू रोपने के लिए खेत तैयार कराए थे। इसी बीच बारिश आ गई। अब लगता है कि पन्द्रह दिन लग जाएगा खेत सामान्य होने में। इसी खेत में धान की खेती हुई थी। धान पककर तैयार था,लेकिन पिछली बार की बारिश ने धान को भारी क्षति पहुंचाया था। मौसम की दागेबाजी के कारण खेती करना मुश्किल हो गया है। अनिल यादव ने बताया कि मेरे खेत में धान की फसल तैयार था। कटनी शुरु हुई। आधा खेत की कटाई हो गई थी। इसी बीच बारिश आ धमकी। धान की पसही बर्बाद हो रहा है। अब पता नहीं बारिश कब समाप्त होगी। धान काटकर इख रोपना था। लेकिन अब लगता है एक महिना लेट हो जाएगा। जिसके बाद ठंड भी आ जाएगी। जिस समय में गन्ना का जमावट ठीक नहीं होगा। कुछ खेतों में आलू की खेती करना था, लेकिन मौसम साथ नहीं दिया। स्थानीय लालबाबू कुशवाहा, भीखम यादव, उमेश प्रसाद आदि किसानों ने बताया कि यह खराब मौसम खेती को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। इसका प्रतिकूल असर पडा है।



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