मोतिहारी।
जिले को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से सभी प्रखंडो में यक्षमा मरीजों की खोज को लेकर 100 डे अभियान चलाया जा रहा है ताकि 2025 तक टीबी मुक्त अभियान को सफल बनाया जा सकें। जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों, जनप्रतिनिधियों के साथ ही आशा और आशा फेसिलेटर भी लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करते हुए मुख्य भूमिका निभा रही हैं।ढाका प्रखंड क्षेत्र के करसहिया गाँव को टीबी मुक्त बनाने के लिए
आशा फैसिलिटेटर “कामनी कौशल” लोगों के बीच जाकर उन्हें टीबी के लक्षण, व उससे बचाव का संदेश पहुँचा रहीं है।बता रहीं है की 2 हफ्ते से ज्यादा समय से खांसी, बलगम, बुखार, कमजोरी, वजन में कमी हो तो यह टीबी के लक्षण हो सकते है, समय न गवाए मुफ्त में जाँच जरूर कराए। उन्होंने बताया की टीबी एक गंभीर एवं संक्रमित करने वाला रोग है जिससे लोगों को कष्टदायी जीवन से गुजरना पड़ता है,वहीं इससे संक्रमित लोग जाने अनजाने में अपने ही परिवार व आसपास के लोगों को संक्रमित करते है इसलिए सरकार ऐसे लोगों को तुरंत पहचान करने के लिए कैंप लगा रहीं है, ताकि नए पोर्टेबल मशीन एवं नए लगने वाले इंजेक्शन से जाँच कर तुरंत टीबी संक्रमित व्यक्ति की पहचान करने के साथ निःशुल्क इलाज उपलब्ध करा रहीं है। वहीं इलाज के दौरान छः माह तक 1000 रुपए पोषण के लिए खाते में दे रहीं है ताकि लोग कुपोषित न हो।आशा फैसिलिटेटर “कामनी कौशल” व उनकी आशाओं की टीम घर घर घूमकर एवं लोगों के बीच जाकर मेघा एक्सप्रेस हेल्थ कैम्प की जानकारी दी एवं 148 से ज्यादा लोगों के जाँच करवाने में सहयोग की, इस सम्बन्ध में जिला यक्षमा पदाधिकारी डॉ संजीव ने कहा की वर्ल्ड विज़न इंडिया के सहयोग से कैम्प का आयोजन हुआ जिसमें बी.पी, शुगर, लंबाई, वजन और टीबी के संदिग्ध मरीजों का स्क्रीनिंग अल्ट्रा पोर्टेबल डिजिटल एक्सरे मशीन से किया गया।जिसमें 56 लोग टीबी के संदिग्ध रोगी पाये गये,जिनका बलगम संग्रह कर ट्रू नट टेस्टिंग के लिए अनुमंडलिय अस्पताल ढाका में भेजा गया टेस्ट रिपोर्ट आने पर टीबी का मेडिसिन शुरू किया जायेगा।
वहीं हेल्थ कैम्प का निरक्षण डब्लूजेसीएफ के नेशनल टीम के द्वारा किया गया। अहेली वाशु और गौतम कुमार,जिला स्तर पर वर्ल्ड विजन से रंजन वर्मा ने कैम्प का पूरा ऑब्जर्वेशन किया।इस कैंप में आशा फैसिलिटेटर “कामनी कौशल”का सराहनीय योगदान रहा।
