सावन के प्रत्येक सोमवारी को उमडता है आस्था का सैलाब,
सुगौली संधि की निशानी है ऐतिहासिक युग्म पंचमुखी शिव मंदिर।
मोतिहारी।
सुगौली नगर के धनही महादेव टोला स्थित ऐतिहासिक युग्म पंचमुखी शिव मंदिर में आज से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे। यहां नित्य दिन लोग पूजा अर्चना करते है। जहां प्रखंड सहित दुसर क्षेत्र के लोग भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने आते हैं। सावन के महीने में खासकर भक्तों की काफी भीड़ लगी रहती है। जहां सावन के प्रत्येक सोमवारी को आस्था का सैलाब उमड़ता है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण युग्म शिव लिंग है। कहा जाता है कि सच्चे मन से बाबा के दरबार में आने वालों की हर मन्नते पूरी होती है। सावन महीने के प्रत्येक सोमवार को अहले सुबह से हीं श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। जहां हजारों की संख्या में लोग पहुंच पूजा अर्चना करते है। सिकरहना नदी से जल भर बडे संख्या मे श्रद्धालु भक्त जलभरी कर शिवालय पहूंच पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक करते है। पुरे सावन भर मेले का आयोजन भी होता है। वहीं महाशिवरात्रि के दिन भी हजारो की जत्था मे श्रद्धालु मंदिर पहूचते हैं।
भारत नेपाल के बीच हुई सुगौली संधि के ईस महत्वपूर्ण निशानी विश्व प्रसिद्ध युग्म पंचमुखी शिव मंदिर आज भी अपनी गौरवशाली अतीत की याद दिलाती है। उसी संधि की याद में संधि स्थल के समीप बेतियां के तत्कालीन महाराजा आनंद किशोर द्वारा 1830 में मंदिर स्थापित किया गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह विश्व का अनोखा शिवालय है। जिस मंदिर में एक साथ दो शिवलिंग की स्थापना संधि का प्रतिक है। ऐतिहासिक पंचमुखी महादेव मंदिर पुराने जमाने व सुगौली संधि की याद दिलाती है।
मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रदीप सर्राफ ने बताया कि यह पंचमुखी युग्म शिव मंदिर का काफी महत्व है। यह सिद्ध शिवालय है। जो सच्चे मन से यहां पूजा अर्चना करते है उनकी मनोकामना पूर्ण होती है। यहां सालों भर लोग पूजा-अर्चना करने आते हैं। खासकर सावन के सोमवारी को काफी भीड लगती है। जिस दिन लगभग दस से पन्द्रह हजार लोग पहुंचते है। इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। मंदिर के पुजारी आचार्य शत्रुजंय झा उर्फ छोटू झा ने बताया कि यह सावन खाश महत्व रखता है। इस सावन में पांच सोमवार है। अनेक शुभ योगो से विभूषित है यह सावन। पूरे सावन में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। प्रत्येक सोमवारी को करीब पन्द्रह हजार लोग यहां जलाभिषेक करते है।