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March 23, 2025 7:13 pm

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राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर “पत्रकारिता का बदलता स्वरूप’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजित

मोतिहारी।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर “पत्रकारिता का बदलता स्वरूप’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन समाहरणालय स्थित डॉ. राधाकृष्णन भवन के सभागार में किया गया। इस संगोष्ठी में जिलेभर के पत्रकारों, प्रशासनिक अधिकारियों और महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने हिस्सा लिया।
संगोष्ठी का उद्घाटन जिलाधिकारी श्री सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक श्री स्वर्ण प्रभात, नगर आयुक्त श्री सौरभ सुमन यादव और जिले के वरिष्ठ पत्रकार श्री चंद्रभूषण पांडे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।

जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि अखबारों और सोशल मीडिया से ही बहुत बातों की त्वरित वह सही जानकारी प्रशासनिक महकमों और आम जनों तक पहुँचती है। प्रिंट हो या सोशल मीडिया इनके माध्यम से मिली कि मामलों पर प्रशासन के द्वारा संज्ञान लिया जाता है और कार्रवाई भी किया जाता है। उन्होंने पत्रकारों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पत्रकार न केवल समाज को सूचित करते हैं बल्कि उसकी समस्याओं और आवाजों को भी उठाते हैं। जिलाधिकारी ने मीडिया के स्वतंत्र कार्यक्षेत्र को प्रोत्साहित करते हुए, सम्मानस्वरूप मोमेंटो की जगह किताब भेंट करने की नई परंपरा को शुरू करने का सुझाव दिया।

पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया हो या प्रिंट सभी को आज़ादी है सही बातों को प्रसारित करना। प्रशासन और पत्रकार दोनों जनता के हित में ही कार्य करते है। पत्रकारिता एक स्वतंत्र संस्था है। पत्रकारों के लेखनी का बहुत महत्व है। पत्रकारों यह हर ध्यान रखना चाहिए कि सही बातों को प्रसारित करें।
इस अवसर पर नगर आयुक्त सुमन सौरभ यादव ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी मिली समस्याओं का भी शीघ्र समाधान कराया जाता है। प्रिंट और सोशल मीडिया समस्याओं की जानकारी के लिए एक सशक्त माध्यम है।

संगोष्ठी के दौरान जिले के वरिष्ठ पत्रकार श्री चंद्रभूषण पांडे समेत अन्य पत्रकारों ने भी पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि मीडिया का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और इसमें तकनीकी और व्यावसायिकता का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। उन्होंने मीडिया में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, सामाजिक मुद्दों पर पत्रकारों की भूमिका, और सच्चाई की खोज की महत्ता पर जोर दिया।

इस संगोष्ठी में उपस्थित सभी ने एकजुट होकर पत्रकारिता के सकारात्मक पक्ष को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। डीपीआरओ ज्ञानेश्वर ने संगोष्ठी के समापन पर सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन पत्रकारों को एक मंच प्रदान करते हैं, जहाँ वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के अपने संकल्प को दृढ़ कर सकते हैं। संगोष्ठी के दौरान संचालन का कार्य वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेश्वर गौतम के द्वारा बड़ी कुशलता के साथ किया गया।

संगोष्ठी की मुख्य बातें:
1. संवैधानिक दर्जा की मांग: पत्रकारिता को संवैधानिक दर्जा देने की आवश्यकता को प्रमुखता से उठाया गया।
2. मीडिया की स्वतंत्रता और जिम्मेदारियां: पत्रकारों को समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने का आग्रह किया गया।
3. पुस्तक भेंट की परंपरा: मोमेंटो की जगह पुस्तकें देने की नई परंपरा शुरू करने का सुझाव।
4. पौधा भेंट का आह्वान: बुके की जगह पौधा भेंट करने की परंपरा को बढ़ावा देने की अपील की गई।
5. सोशल मीडिया का प्रभाव: न्यू मीडिया और सोशल मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देने की सलाह दी गई।

Khabare Abtak
Author: Khabare Abtak

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