मोतिहारी।
महिला एवं बाल विकास निगम समाज कल्याण विभाग यूनिसेफ के सहयोग से बाल रक्षा भारत सेव द चिल्ड्रेन द्वारा संचालित उड़ान परियोजना अंतर्गत आज मोतिहारी स्थित संयुक्त श्रम भवन में किशोर किशोरी सशक्तीकरण कार्यक्रम अंतर्गत जीवन कौशल उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ बंकू बिहारी सरकार ने कहा कि हम बाल विवाह बाल श्रम को रोकने की वकालत के साथ साथ किशोर किशोरी को सशक्त करने की बात करते हैं। कि वह अपने जीवन में खुद को निर्णय लेने में सक्षम बन सके तथा आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बच्चे विद्यालय जाएंगे, परीक्षा देंगे, नौकरी या व्यवसाय में जाएंगे तो स्वयं अपने परिवार के विकास में सहयोगी बन सकेंगे।
इस अवसर पर बल रक्षा भारत के पीयूष कुमार ने किशोर किशोरी सशक्तीकरण के आयाम को बताता। इस अवसर पर सहजकर्ता के रूप में उड़ान प्रोजेक्ट के प्रियश्वरा और हामिद रज़ा ने लैंगिक समानता की बात करते हुए बच्चों से सवाल किया कि क्या लड़कियों को घर के काम में अपनी माँ की मदद करनी चाहिए और स्कूल नहीं जाना चाहिए। लड़कियों को केवल घर की देखभाल करनी चाहिए न कि पैसे कमाने के लिए बाहर नौकरी करने जाना चाहिए। घर के लड़कों को अधिक खाना चाहिए क्योंकि वे कठोर गतिविधियाँ करते हैं। परिवार में पुरुष निर्णय लेने वाले होते हैं और महिलाओं को उनके निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।परिस्थिति चाहे कैसी भी हो लड़कों को रोना नहीं चाहिए। जैसे सवालों से बच्चों ने असहमति जताई। इस कार्यशाला में रचनात्मकता और नवीनता,संचार कौशल, अनुकूलनशीलता और लचीलापन, प्रस्तुति कौशल, जुनून और प्रतिबद्धता तथा समग्र क्षमता की समझ बनाई गई। इस अवसर पर बिहार स्किल मिशन के नीलेश कुमार,उड़ान के जितेंद्र कुमार सिंह , विकास मित्र ध्रुप कुमार, रामकुमार सुमन, अजय राज,निभा कुमारी, कविता कुमारी, रवि मांझी,मुकेश कुमार, अजय कुमार, संतोष कुमार, हरिन्द्र मांझी सहित अन्य किशोरी किशोर मौजूद थे।