मोतिहारी।
सुगौली प्रखंड के सुगांव में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 24 दिसंबर को संभावित आगमन है। प्रशासन मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारी कर रहा है। स्थानीय अधिकारी मुस्तैद है। जहां विकास कार्यों की इबादत लिखी जा रही है। जंग पड़े योजना व कार्यों को चमकाया जा रहा। यहां तक कि मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना जंग पड़े नल जल को दुरुस्त किया जाक्षरहा है। अगल बगल जर्जर व अधूरे बिजली कार्यों को तेजी से दुरूस्त किया जा रहा है। तो वहीं इस क्षतिग्रस्त सड़क को भी दुरुस्त किया गया। चाहे जनप्रतिनिधि हो या सिस्टम चाहे अधिकारी सबकी गतिविधियां तेज हो गई है। रोज अधिकारियों का आवाजाही लगी है। कार्यक्रम स्थल पर कार्य युद्धस्तर पर जारी है। विभिन्न कार्यों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। पर, प्रखंड में आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां सही मायने में समुचित विकास नहीं पहुंचा है। ऐसे में प्रखंड के कुछ गांव के ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री का जिस पंचायत में दौरा होता है वहां सब कुछ महज एक सप्ताह में बन जाता है।
काश, मुख्यमंत्री हमारे यहां भी आते, बहुत सारे कार्य हो जाता…यह कहना है प्रखंड के दक्षिणी श्रीपुर पंचायत के भटवलिया कॉलनी के महादलित बस्ती के लोगों का। शायद गांव वाले इस मायने में बोले कि जहां जहां सरकार के कदम पड़ रहा है, वहां विकास दौड़ जाता है। जहां के लोगों के घर से निकलने का मार्ग पगडंडी हीं सहारा है। जिस बस्ती के लोग खेत में लगे फसल कट जाने के समय शादी विवाह का दिन उतारते है। जहां के लोगों के लिए एक मुकम्मल रास्ते नसीब नहीं है। सदियों से गुजर बसर कर रहे स्थानीय लोगों के सामने सड़क की समस्या यथावत है। करीब सौ परिवार के लोग अपने टोला से बाहर जाने के लिए एक-डेढ किलोमीटर पैदल निकल कर चारपहिया वाहन का सवारी करते हैं। सबसे बड़ी समस्या तब बन जाती जब शादी के बाद नई-नवेली दुल्हन ससुराल आती है, तो कुछ दूरी पर ही सवारी से उतरकर उन्हे पैदल आना पडता है।
स्थानीय गौरी राम, हरदेव राम, मोहर राम, देवकी राम, कंचन राम आदि ने बताया कि यहां विद्यालय, शौचालय, नल जल है। सबसे बड़ी दिक्कत सड़क की है। महारानी देवी सीएम से आश लगाई बैठी है। जो सड़क निर्माण की मांग करती है। वो कहती है कि सरकार के कदम पड़ी त हमरो गांव के कयाकल्प हो जाईत। हरदेव राम ने बताया कि सुगांव में सरकार आने वाले है। जहां विकास हीं विकास हो रहा है। मेरे यहां चार चक्का आने के लिए रास्ता भी नहीं है। आंगनबाड़ी, स्कूल, शौचालय नहीं है। एक मात्र बिजली की सुविधा है। टूनटून राम ने कहा कि काश मुख्यमंत्री मेरे यहां भी आते, विकास की रोशनी दौड़ पड़ती।
गांव की महिलाएं कहती है कि किसी की तबियत बिगड़ने व प्रस्व पीड़ा के दौरान महिलाओं द्वारा मरीज को टांग कर, घोघी बनाकर कुछ दूर ले जाकर गाड़ी पर बैठाया जाता है। उस समय बड़ी तकलीफ होती है। वहीं सबसे ज्यादा परेशानी शादी विवाह को लेकर है। फसल कट जाने के बाद खेत से होकर दुल्हे की गाड़ी गांव में आती है और खेत होते हीं दुल्हन की विदाई होती है। अगर उस समय बारिश हो गई तो गाड़ी भी नही आ पाता,तो दुल्हे को पगडंडी के सहारे पैदल आना पड़ता या बाइक पर एक किलोमीटर तक लाना पड़ता है। वहीं यहां से विद्यालय भी करीब डेढ़ किमी दुर पर है।
मोहर राम ने बताया कि हम तीन पीढियों से यहां रहते आ रहे है, वावजूद अबतक किसी ने भी हमारे गांव के सड़क के बारे में नही सोचा। सड़क की कमी शादी विवाह को भी प्रभावित कर रहा है। अगुआ आता है और सड़क नहीं होने के कारण लौट जाता है। जिससे शादी विवाह में भी परेशानी है।