मोतिहारी।
उफ ये गरमी ! गरम हवा का जोर है, बहती लू हर ओर है…क्या करें तपन व उमस जो, इसलिए घर व कमरे में पढ़ने वाले छात्र पेड़ के छांव में है। तीखे धूप व प्रचंड गर्मी इस कदर है कि छात्रों को पठन पाठन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। चिलचिलाती धूप के कारण छोटे छोटे बच्चे विद्यालय जाने से मुंह मोड़ रहे है। पर चाहकर भी वे शिक्षा ग्रहण करने से दुर नही हो रहे है। घर से दुर विद्यालय जाना तो उनकी मजबूरी है। पर कोचिंग करने दुर व घर में पढ़ने के लिए जाने में तकलीफ उठाने और गर्मी से बचने के लिए खुद को पेड़ के नीचे छांव में पढ़ना मुनासिब समझ रहे है। ऐसे में इन ननिहालों के साथ साथ कोचिंग कराने वाले शिक्षक भी पेड़ के छांव में पढ़ाने में सहज मान रहे है। विद्यालय से वामुश्किल पढ़ाई कर घर लौटने के बाद दोपहरी तपन व उमस का मार इन ननिहालों को बर्दाश्त नहीं हो रहा। जिससे सड़क के किनारे गांव में पेड़ के नीचे चबूतरे पर दुसरे को आराम करते देख खुद छांव में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। जो घंटों पेड़ के छांव में सनसनाते हवा का सहारा ले रहे है।
इन दिनों गर्मी इस कदर बढ़ गई है कि लोग अपने घरों से निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे है। खासकर छोटे छोटे बच्चों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पर क्या करें सिलेबस पूरा करने का जो सवाल है। तेज उमस का क्या कहना,जो पंखे के हवा को भी बेअसर कर रही है। ऐसे में लोग ब्याकुल है। नहीं चाहकर भी ऐसे ननिहालों को चिलचिलाती धूप व प्रचंड गर्मी के बीच पढ़ाई करना है। जो पेड़ के नीचे छांव का सहारा ले रहे है।
