मोतिहारी।
जिले के रक्सौल अनुमण्डलीय अस्पताल में अनुमण्डल पदाधिकारी, रक्सौल,शिवाक्षी दीक्षित की अध्यक्षता में एईएस/जेई के रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गईं, वहीं अनुमण्डल पदाधिकारी द्वारा अस्पताल का निरिक्षण करने के साथ ही कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।अनुमण्डल पदाधिकारी, रक्सौल,शिवाक्षी दीक्षित ने उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारीयों, एसएमसी यूनिसेफ़, सीडीपीओ, बीएचएम, बीसीएम,एमओ,एलएस, से चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों के इलाज व्यवस्था की जानकारी लेते हुए निर्देश दिया की अस्पताल में नियंत्रण कक्ष 24×7 संचालित रखे।
एईएस के प्रबंधन में किसी प्रकार की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने रक्सौल, छौड़ादानो, रामगढ़वा, आदापुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अस्पताल में नियंत्रण कक्ष 24×7 संचालित रखेगें,सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, पंचायत स्तर पर एईएस/जेई रोकथाम हेतु नोडल कर्मी बनाएगें ताकि राज्य, जिला एवं प्रखण्ड स्तर से प्राप्त आवश्यक सूचना को निचले स्तर तक पहुंचाने में सुगमता हो एवं पंचायत स्तर पर हो रहे गतिविधियों की सूक्ष्म अनुश्रवण किया जा सके,बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,
मंगलवार तक आंगनबाडी सेविका के द्वारा घर-घर सर्वे कराने के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना तैयार कर लें एवं उसकी प्रति उपलब्ध करा दें, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि मंगलवार तक आशा के द्वारा घर-घर सर्वे कराने के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना तैयार कर लें एवं उसकी प्रति उपलब्ध करा दें।
उन्होंने निर्देश दिया की प्रतिदिन एईएस/जेई के रोकथाम हेतु टोला स्तर पर एवं आँगनबाड़ीकेंद्र पर
चौपाल के माध्यम से जागरुक करते रहेगें। त्वरित रुप से एईएस/जेई से आशंकित बच्चो को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचाने हेतु पंचायत स्तर पर वाहन को टैगिंग कर सूची उपलब्ध करा कर प्रदर्शित किय जाय।
– चमकी से बचाव के उपाय :
चौपाल के दौरान लोगों को बताए की चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिऐ बच्चों को रात में सोने से पहले जरूर खाना खिलाए,सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाकर देखें , कहीं बेहोशी या चमक तो नहीं,,बेहोशी या चमक दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी गाड़ी से सरकारी अस्पताल ले जाए, तेज धुप से दुर रखे।अधिक से अधिक पानी, ओआरएस अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं। हल्का साधारण खाना खिलाएं, बच्चो को जंक-फुड से दुर रखे।खाली पेट लिची ना खिलाएं।रात को खाने के बाद थोड़ा मिठा जरूर खिलाऐ।सड़े-गले फल खा सेवन ना कराएं, ताजा फल ही खिलाएं।बच्चो को दिन में दो बार स्नान कराएं।घर के आसपास पानी जमा न होने दे।रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करे।