मोतिहारी
लोकसभा चुनाव बित जाने के बाद भी चुनावी का रंग अभी फीका नही हुआ है। प्रखंड क्षेत्र में राजनीतिक तपमान परवान पर है। हार जीत की गणना से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक की चर्चा जोरों पर है। चुनाव के बाद परिणाम को लेकर लोगों मे खासे चर्चा और तर्क वितर्क जारी है। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के साथ हीं जीत हार का दावे व प्रतिदावे के बीच समर्थकों में उत्साह है। ज्यों-ज्यों मतगणना का दिन नजदीक आ रहा है लोगों में उत्सुकता बढता जा रहा है। एनडीए और महागठबंधन के समर्थकों में बेचैनी और जीत के प्रति दावेदारी इस कदर की अपने-अपने चेहते प्रत्याशी का की जीत का दवा करने से परहेज नही कर रहे है। तो वहीं आम लोगों में संशय की स्थिति बरकरार है।
जीत हार की चर्चा क्षेत्र के गांव-गली, खेत-खलिहान, चौक-चौराहे व चाय-पान की दुकान व होटलों में खुब हो रही है। जहां एक तरफ सांसद चुने जाने की बात तो वहीं पुनः नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की कयास के साथ साथ तमाम दावे प्रतिदावे का सिलसिला जारी है। अधिकाशतः लोग अपने अपने प्रत्याशी का जीत सुनिश्चित बता रहे है। तो कोई जीत को लेकर बाजी लगाने से भी पिछे नही हट रहे है। समर्थक अपने अपने प्रत्याशी का बोली बोल रहे है। कुछ लोग तो यह भी कहने से बाज नहीं आ रहे है कि नरेन्द्र मोदी पीएम बन सकते है,पर एनडीए प्रत्याशी नहीं जीत सकते है। वहीं एनडीए समर्थक अपने प्रत्याशी के जीत के प्रति आश्वस्त है।
यह दिगर बात है कि पहले से अब लोग मतदान के प्रति ज्यादा जागरूक हो गए है। पर अपने अपने प्रत्याशियों के प्रति लडाई झगडा करने की संख्या में थोडा कमी आई है। लेकिन हार-जीत को लेकर उत्साह में कोई कमी नही दिखता। जहां आम मतदाता चुनाव में किसके द्वारा बाजी मारने की कयास लगा रहे है। वहीं राजनीतिक दल के सक्रिय कार्यकर्ता एवं नेता प्रखंड में अपने अपने प्रत्याशी व पार्टी की लिडिंग होने की बात कर रहे है। कोई नरेन्द्र मोदी के नाम पर तो कोई इनके बिरोधी वोट को गोलबंदी करने की पक्ष रख रहा है। तो कोई विकास के नाम पर वोट पडने की बात कर रहा है। इसको लेकर आम हो या खाश हार जीत के तमाम कयासों के बीच उस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे है। तो वहीं बहुत सारे लोग महिलाओं द्वारा जमकर किए गए वोट को अलग अलग हिसाब लगा रहे है। कुछ लोग तो यह भी कह रहा है कि राशन महिलाओं में सर चढ़ कर बोल रहा है। एनडीए व महागठबंधन समर्थक जहां अपने प्रत्याशी की जीत काक्षदवा ठोक लहे है तो वहीं कुछ समर्थक व आम मतदाता कांटे की लड़ाई मान रहे है। परिणाम जानने के लिए उत्सुक लोग चार जून का बेसब्री से इंतजार कर रहे है।