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January 9, 2025 1:48 am

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नवजात शिशु को ठंड से बचाएं अन्यथा हो सकते हैं हाइपोथर्मिया के शिकार : डॉ अमृतांशु

मोतिहारी।

सर्द मौसम में रात होते ही तापमान में गिरावट के कारण ठंड में वृद्धि हो रही है जिसमें नवजात एवं छोटे बच्चों के अभिभावक को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। ये कहना है मोतिहारी सदर अस्पताल के वरीय शिशु रोग चिकित्सक डॉ अमृतांशु का। उन्होंने बताया कि प्रायः देखा जाता है की ठंड के मौसम में बच्चों को हाइपोथर्मिया के साथ ही निमोनिया, कोल्ड डायरिया, सर्दी, खाँसी, बुखार के साथ अन्य ठंड जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बच्चों को हमेशा गर्म कपड़े पहनाएं, किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें। शिशु का रात में सोते वक़्त भी विशेष ख्याल रखें। वहीं बच्चे की माँ अपने नवजात को सीने से लगाकर रखें क्योंकि कंगारू केयर नवजात की सुरक्षा हेतु बेहद जरूरी है। इससे शिशु के दिल की धड़कन, ब्रीदिंग और शरीर का तापमान रेगुलेट करने में मदद मिलती है। जो उनकी सुरक्षा में काफ़ी मददगार साबित होता है। ध्यान रखें कि बच्चा रात में गीले में न सोए, छः माह से कम आयु के बच्चों को सिर्फ माँ का दूध ही दें। किसी भी प्रकार का बाहरी भोजन न दें। समय समय पर सभी नियमित टीकाकरण सरकारी अस्पताल में अवश्य ही कराएं। रात में बच्चों को भोजन अवश्य कराएं। खाली पेट नहीं सोने दें।

जब शरीर का तापमान सामान्य सीमा (लगभग 95-89.6°F या 35-32°C) से थोड़ा नीचे चला जाता है। इसके लक्षणों में कंपकंपी, ठंड लगना, सुन्न होना और हल्का भ्रम हो सकते हैं उसे हाइपोथर्मिया माना जाता है। हाइपोथर्मिया के निदान के दौरान डॉक्टर शरीर का तापमान लेते हैं और लक्षणों की जांच करते हैं। लक्षणों और तापमान कितना कम है, इस पर निर्भर करते हुए, रोगियों को गंभीर, मध्यम या हल्के हाइपोथर्मिया का निदान किया जाता है।

मोतिहारी सदर अस्पताल के डॉ अमृतांशु ने कहा कि सदर अस्पताल में हाइपोथर्मिया के साथ ही नवजातों के कई रोग के निदान के संसाधन उपलब्ध हैं। यहाँ, पीकू, आईसीयू, एसएनसीयूँ, एमएनसीयू आदि सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध है। नवजात बच्चों के इलाज हेतु 14 वारमर मशीन एवं इमरजेंसी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि दिसम्बर में 148 बच्चों को एडमिट किया गया था।

डीआईओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि बच्चों को विभिन्न रोगों से बचने के लिए समय पर बच्चों को सभी आवश्यक टीका सरकारी अस्पताल में लगवाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि बच्चों का जन्म के साथ ही टीकाकरण शुरू कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि नवजात शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती और वे संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, कुछ टीकों की बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए ताकि रोग प्रतिरक्षण को बनाए रखा जा सके। ठंड के मौसम में निमोनिया जैसे रोग का भी खतरा बच्चों पर मंडराता है। इसलिए समय समय पर सभी आवश्यक टीका बच्चों को जरूर लगवाने चाहिए। बच्चों को लगने वाले टीके उन्हें सात जानलेवा 12 बीमारियों से बचाते हैं। इनमें खसरा, टेटनस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी और हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियां शामिल हैं।

Khabare Abtak
Author: Khabare Abtak

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